बनेगी उनसे अब किसी सूरतेहाल नहीं
हम हर हाल राज़ी वो किसी हाल नहीं
बात करते हो चाँद की उनके मुकाबिल
ठहर सके कहीं आईना भी मजाल नहीं
होली की मस्तियों से है उनका ये रंग
मला किसी ने रुखसार पे गुलाल नहीं
बरबाद है जमाना उनकी बेखयाली से
इस बात का उन्हे ज़रा भी खयाल नहीं
होना सभी को एक दिन खाके राह है
नाचीज़ होने का मुझे ज़रा मलाल नहीं
मीर गालिब जिगर फ़िराक को पी गया
लिख पाता हूँ कुछ तो कोई कमाल नहीं
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