Friday, October 15, 2010

ज़िन्दगी उम्मीद भर है
खोने का क्या डर है
दिल मे नहीं तो नहीं
खुदा यहीं है अगर है
बिजलियों का शुक्रिया
अब सारा जहाँ घर है
बाँये हाथ का खेल था
इल्ज़ाम दाहिने पर है