भगवान मीर,
चचा ग़ालिब,
मियाँ दाग,
अंकल फ़िराक,
दादा फ़ैज़,
मस्त जिगर,
भइया मजाज़
..और भी तमाम हैं जो जिम्मेदार हैं कुछ अच्छा बन पड़ा हो तो !
Friday, October 15, 2010
ज़िन्दगी उम्मीद भर है खोने का क्या डर है दिल मे नहीं तो नहीं खुदा यहीं है अगर है बिजलियों का शुक्रिया अब सारा जहाँ घर है बाँये हाथ का खेल था इल्ज़ाम दाहिने पर है