मंजिलें पूछती फिरती रहीं पता मेरा |
नाकामी अपनी किस्मत थी सो रही |
उनके वादे पे कभी ऐतबार नहीं रहा |
इन्तिज़ार अपनी आदत थी सो रही |
ज़िम्मा रहबरी का उठा लिया लेकिन |
रहजनी उनकी फितरत थी सो रही |
मुसलसल ज़िक्रे-मय से हुआ मालूम |
ज़ाहिद की जो सोहबत थी सो रही |
मुहाफिज़ मुकर्रर किया गया हमको |
ज़िंदगी उसकी अमानत थी सो रही |
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