रहजनों की अगुआई में हैं काफिले |
दुनिया में आज कोई रहबर नहीं है |
हुकूमत करने वाले थोड़े से लोग हैं |
बरबादी का जिम्मा सब पर नहीं है |
उनके हक में है बीमार अच्छा न हो |
ऐसा नहीं कि कोई चारागर नहीं है |
हर बात में सबसे ऊपर कौन है यहाँ |
आदमी आदमी से बढ़कर नहीं है |
भीड़ के धोके में मत रहना मिसिर |
कोई भी यहाँ तेरा हमसफ़र नहीं है |
कत्अः |
बचे होते तेरी निगाह से तो कहते |
इससे तेजतर कोई नश्तर नहीं है |
हमने भी करके देखा मीर साहब |
नशा होशियारी से बेहतर नहीं है |
उसकी कोई शक्ल है नहीं फ़िर भी |
कोई शक्ल उससे बेहतर नहीं है |
भगवान मीर, चचा ग़ालिब, मियाँ दाग, अंकल फ़िराक, दादा फ़ैज़, मस्त जिगर, भइया मजाज़ ..और भी तमाम हैं जो जिम्मेदार हैं कुछ अच्छा बन पड़ा हो तो !
Tuesday, July 26, 2011
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