रोशनी नहीं है या कहो अन्धेरा है | |
हमको हरहाल ग़ुरबत ने घेरा है | |
सिवाय यादों के कुछ नहीं यहाँ | |
ये दिल है कि भूतों का बसेरा है | |
चंद मुर्दा मुलाकातों के एहसास | |
वक्त ने किस कदर मुंह फेरा है | |
कुछ खुशनसीबों को पता नहीं | |
जुल्फों के सिवा भी कुछ घनेरा है | |
दिल है तेरा मगर फ़िर भी दर्द है | |
न जाने क्या मेरा है क्या तेरा है | |
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मैंने दर्दो गम का मंज़र उकेरा है | |
कुछ भी नहीं जो हमेशा साथ रहे | |
क्या है यहाँ जिसे कहिये मेरा है |
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