अब इस दुनिया को जब फ़िर से बनाया जाएगा |
हुक्मरानों के सीनों में भी दिल लगाया जायेगा |
खेमों में बाँट रखना जालसाजी है सियासत है |
लकीरें जो हैं नहीं कहीं उनको मिटाया जाएगा |
अगर दिल में मुहब्बत हो तो फ़िर तेरा मेरा क्या |
पत्थर की दीवारों को शीशे से गिराया जायेगा |
सर को झुकाए रखना इंसानियत की तौहीन है |
गर्दन पर जब तलक है शान से उठाया जाएगा |
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