Sunday, October 2, 2011

बड़ी मुश्किल है ये जो कभी मचल जाये
दिल कोई बच्चा तो नहीं जो बहल जाये
दोनों जहां भी देकर देखो इक बार इसे 
शायद मान जाये शायद ये संभल जाये 
इसने तो मेरा जीना हराम कर दिया है  
कोई ले जाये ये दिल दूसरा बदल जाये 
एक ही है तमन्ना इस दिल में बसी हुई  
तुम आओ किसी रोज तो निकल जाये
जो तोड़ना हो दिल तो एक इल्तिजा है 
ये देखना कहीं पता इसे न चल जाये 

1 comment:

  1. जो तोड़ना हो दिल तो एक इल्तिजा है
    ये देखना कहीं पता इसे न चल जाये

    दिल चीज ही ऐसी है,दिल पर सुंदर गज़ल.

    ReplyDelete