बड़ी मुश्किल है ये जो कभी मचल जाये |
दिल कोई बच्चा तो नहीं जो बहल जाये |
दोनों जहां भी देकर देखो इक बार इसे |
शायद मान जाये शायद ये संभल जाये |
इसने तो मेरा जीना हराम कर दिया है |
कोई ले जाये ये दिल दूसरा बदल जाये |
एक ही है तमन्ना इस दिल में बसी हुई |
तुम आओ किसी रोज तो निकल जाये |
जो तोड़ना हो दिल तो एक इल्तिजा है |
ये देखना कहीं पता इसे न चल जाये |
जो तोड़ना हो दिल तो एक इल्तिजा है
ReplyDeleteये देखना कहीं पता इसे न चल जाये
दिल चीज ही ऐसी है,दिल पर सुंदर गज़ल.