खराब है अगर तो सूरत बदलिए हुज़ूर |
हासिल भला आईना तोड़ने से क्या होगा |
दरिया उफन के बन गया है बाढ़ अब तो |
चुल्लू चुल्लू भर उलीचने से क्या होगा |
उस राह पर उस तरफ मंजिल है ही नहीं |
और तेज और तेज दौड़ने से क्या होगा |
दिल अगर हो तो फ़रियाद भी सुने शायद |
पत्थरों पे पटक सर फोड़ने से क्या होगा |